कोरोनावायरस क्या है?

कोरोनावायरस उस वायरस समूह का हिस्सा है जिसमें सामान्य सर्दी-खाँसी से लेकर घातक बीमारियां जैसे ‘Middle East Respiratory Syndrome (MERS-CoV) और Severe Acute Respiratory Syndrome (SARS-CoV) हो सकती हैं।


नॉवल कोरोनावायरस इस समूह की एक ऐसी किस्म है जिसकी अब से पहले इंसानों में शिनाख़्त नहीं हो पाई। MERS वायरस से 850 मौतें हुई थी जबकि SARS के संक्रमण 800 से ज्यादा लोगों की जान लील गए थे।   


इसके लक्षण कितने गंभीर हैं?


इसके लक्षणों में बुख़ार, सूखी खॉंसी से लेकर न्यूमोनिया शामिल हैं जिनसे जान का जोखिम हो सकता है। एक अनुमान के मुताबिक कोरोनावायरस से संक्रमित 20 फीसदी मरीजों में गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं। जिन लोगों को पहले से ही स्वास्थ्य संबंधी मुश्किलें (जैसे दमा, डायबिटीज और हृदयरोग) हैं उनका विशेष रूप से ध्यान रखा जाना जरूरी है।


यह कितना घातक है?


इस वायरस से अब तक 213 लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन पक्के तौर पर कुछ कह पाना अभी जल्दबाजी होगी। हजारों लोगों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है और डेढ़ हजार से ज्यादा मामल गंभीर बताए गए हैं। अब तक वायरस से प्रभावित करीब 2 फीसदी मरीजों की मौत हुई है जबकि MERS के मामलों में लगभग 35 प्रतिशत मरीजों की मौत हो गई थी।


इस वायरस का स्रोत क्या है?


रिपोर्टों के अनुसार वूहान के समुद्री भोजन (Seafood) बाजार से यह वायरस फैलना शुरू हुआ, जहां कई प्रकार की मछलियों, रेंगने वाले जंतुओं और अन्य जीवों का व्यापार होता है।


Middle East respiratory syndrome कोरोनावायरस से संक्रमित सैल। MERS के मामलों में यह स्पष्ट था कि संक्रमित ऊंटों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क में आने से यह इंसानों में फैलना शुरू हुआ। लेकिन कोरोनावायरस के फैलने के कारणों पर अभी पूरी स्पष्टता नहीं है।


क्या यह एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है?


यह संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में मुख्य रूप से वूहान शहर में ही फैला है, जो इस वायरस का केंद्र माना गया है। लेकिन चीन के अन्य हिस्सों व देश से बाहर भी इसके मामलों का पता चला है। यह वायरस संक्रमित मरीज के नजदीकी संपर्क में आने से साँस लेने के रास्ते फैल सकता है। 


वायरस से संक्रमित किसी जगह को छू लेने से भी यह संक्रमण हो सकता है। लेकिन अभी यह जानने की कोशिशें हो रही है कि इन परिस्थितियों में वायरस कितने लंबे समय तक जीवित रह सकता है। इस वायरस के संचारण के संबंध में अभी पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है। 


क्या इसके मरीज संक्रमण के वाहक हो सकते हैं?


चीन के विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग इस वायरस से संक्रमित होते हैं उनमें लक्षण पूरे तौर पर दिखाई देने से पहले ही यह वायरस अन्य व्यक्तियों में फैल सकता है। संक्रमण होने से लेकर लक्षण उभरने के बीच की अवधि में एक से 14 दिन का समय लग सकता है।


यह कितनी तेजी से फैल रहा है?


प्रतिदिन इसके मामल बढ़ना हैरानी भरा नहीं है क्योंकि अब इसके मामलों का पता लगाने और वायरस पर काबू पाने के लिए तेजी से प्रयास हो रहे हैं। आने वाले हफ्तों में कोरोनावायरस के मामलों की कुल संख्या में और ज्यादा इजाफा हो सकता है। फिलहाल चीन में ही इसके 12 हजार से ज्यादा संदिग्ध मामले बताए गए हैं।


इस वायरस से बचाव के क्या उपाय हैं?


कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए सावधानी बरतना और साफ-सफाई का ख़याल रखना जरूरी है क्योंकि अभी तक रोकथाम का जरिया उपलब्ध नहीं है।


ध्यान रखें कि:


श्वसन संबंधी संक्रमण के लक्षणों वाले लोगों से सीधे तौर पर संपर्क ना रखें अपने हाथ बार-बार साबुन से धोएँ, विशेषकर मरीजों से सीधे संपर्क करने के बादखाँसते व छींकते समय टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करें या मुंह और नाक को कोहनी से ढंक ले। इस्तेमाल के बाद टिश्यू पेपर को तत्काल फेंक दें और हाथ धो लेंखाँसी और बुख़ार से पीड़ित किसी व्यक्ति के सीधे संपर्क में ना आएँबुख़ार, खाँसी या साँस लेने में मुश्किल महसूस होने पर तत्काल डॉक्टर के पास जाएँ और अपनी यात्रा का विवरण बताएँकोरोनावायरस से पीड़ित क्षेत्रों के बाजारों में जानवरों और उन्हें रखने-बैठने के स्थान से दूरी बनाएं रखेंकच्चे या अधपके माँस और अन्य उत्पादों का इस्तेमाल जहां तक संभव हो ना करें। कच्चे माँस, दूध और जानवरों के अंगों का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतेंसाफ-सफाई बरतने और नियमित तौर पर हाथ धोना बचाव के लिए महत्वपूर्ण है।